फसलों में जहरीले रसायनों के प्रयोग से कैंसर जैसी लाइलाज बीमारिया – विकास नागर इछावर । देश में रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोगों व कीटनियंत्रकों के उपयोग से जमीन में जैविक कार्बन की मात्रा लगातार घट रही है। जहरीले रसायनों के प्रयोग से कैंसर जैसी लाईलाज बीमारियां बढ़ गई है। शिवशक्ति बायो ग्रुप द्वारा ग्राम बिल्डी में एक किसान संगोष्ठी में बताया कि मृदा में आवश्यक न्यूनतम मानक से 18 गुणा तक कम हो गई है। उपजाऊ मिट्टी में जैविक कार्बन की न्यूनतम मात्रा 0.90 प्रतिशत आवश्यक है। देश में 2016 में 6 करोड़ के लगभग हुए मिट्टी जांच परीक्षणों की रिपोर्ट में मिट्टी में उपलब्ध जैविक कार्बन की मात्रा केवल 0.05 प्रतिशत पाई गई थी। मृदा में जैविक कार्बन में 0.01-0.02 प्रतिशत की कमी धरती को पूरी तरह बंजर कर सकती है। अमरीका की एक संस्था इंटरनेशनल फैडरेशन ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकलचर मूवमेंट ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत में वर्तमान कृषि पद्धति को नहीं सुधारा गया तो 2030 तक मृदा में जैविक कार्बन की मात्रा खतरनाक स्तर तक गिर करके 0.025 प्रतिशत के स्तर तक आ सकती है, जो बीजों के अंकुरण में अक्षम होगी व जमीन बंजर हो जाएगी। देश में अभी प्रमाणिक रूप से केवल 5 से 6 प्रतिशत हिस्से में ही जैविक कृषि हो रही है। जमीन को बंजर होने से बचाने का एक मात्र उपाय गौ आधारित जैविक कृषि पद्धति हैं। रसायन के कारण खेती बाजार आधारित हो गई, जिससे फसल उत्पादन लागत बढ़ने से खेती घाटे का कारण बन रही है। रसायनिक पद्धति से गेहूं उत्पादन करने पर उसकी प्रति किलो लागत 30 रुपए आती है वहीं अगर इसे जैविक कृषि पद्धति से उत्पादित किया जाए तो इसकी लागत 11 रुपए किलो तक घटाई जा सकती है।
नया साल हमें एक नई उम्मीद देता है, एक नई शुरुआत का अवसर प्रदान करता है। यह समय हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का मौका देता है, अपने आसपास के लोगों की मदद करने का अवसर प्रदान करता है। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि हम अपने आसपास के लोगों की मदद कैसे कर सकते हैं? क्या हमने कभी रामू काका, शांति बाई और चुन्नू मुन्नू जैसे लोगों की जरूरतों को समझने की कोशिश की है?
हमारा समाज कई समस्याओं से ग्रस्त है, जैसे कि शिक्षा का निजीकरण, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, गरीबी और बेरोजगारी। ये समस्याएं हमारे समाज को कमजोर बना रही हैं, हमारे लोगों को परेशान कर रही हैं। लेकिन हमें इन समस्याओं का समाधान खोजने के लिए एक साथ मिलकर काम करना होगा।
शिक्षा का निजीकरण एक बड़ी समस्या है, जो हमारे समाज को कमजोर बना रही है। यह समस्या हमारे बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रही है, उन्हें अपने भविष्य को सुधारने के अवसर से वंचित कर रही है। हमें इस समस्या का समाधान खोजने के लिए एक साथ मिलकर काम करना होगा, हमें अपने बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए काम करना होगा।
स्वास्थ्य सेवाओं की कमी एक अन्य बड़ी समस्या है, जो हमारे समाज को कमजोर बना रही है। यह समस्या हमारे लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित कर रही है, उन्हें अपने स्वास्थ्य को सुधारने के अवसर से वंचित कर रही है। हमें इस समस्या का समाधान खोजने के लिए एक साथ मिलकर काम करना होगा, हमें अपने लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के अवसर प्रदान करने के लिए काम करना होगा।
गरीबी और बेरोजगारी भी हमारे समाज को कमजोर बना रही हैं। यह समस्या हमारे लोगों को आर्थिक रूप से कमजोर बना रही है, उन्हें अपने भविष्य को सुधारने के अवसर से वंचित कर रही है। हमें इस समस्या का समाधान खोजने के लिए एक साथ मिलकर काम करना होगा, हमें अपने लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए काम करना होगा।
हमें अपने आसपास के लोगों की मदद करने के लिए आगे आना होगा। हमें उनकी जरूरतों को समझना होगा और उनकी मदद करने के लिए काम करना होगा। तभी हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।
नया साल हमें एक नई उम्मीद देता है, एक नई शुरुआत का अवसर प्रदान करता है। आइए हम इस अवसर का उपयोग करके अपने आसपास के लोगों की मदद करने के लिए आगे आएं और एक बेहतर समाज का निर्माण करें। आइए हम अपने समाज को मजबूत बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम करें।
सीआरडीई कृषि विज्ञान केन्द्र प्रेस वार्ता का दी जानकारीसीआरडीई कृषि विज्ञान केन्द्र प्रेस वार्ता का दी जानकारी
सीआरडीई कृषि विज्ञान केन्द्र प्रेस वार्ता का दी जानकारी
इछावर ।
भारत सरकार के दिशा निर्देषानुसार सीआरडीई कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅं,जिला सीहोर अपराह्न 3ः30 बजे कृषि विज्ञान केन्द्र प्रक्षेत्र पर स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम जो कि 16 से 30 दिसम्बर, 2024 तक मनाया गया उसके अंतर्गत मंगलवार को पत्रकार वार्ता आयोजित की गयी। उक्त वार्ता में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा आयोजित की गयी विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों तथा उनका प्रस्तुतीकरण किया गया। स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न गतिविधियों जैसे- स्वच्छता के प्रति जागरूकता, स्वच्छता शपथ, साफ – सफाई, वृक्षारोपण, गृह वाटिका में जैविक अवशेषो की उपयोगिता, स्वच्छ व हरित प्रौद्योगिकी, अपशिष्ट जल का पुर्नचक्रण एवं कृषि,उद्यानिकी फसलों,गृह वाटिका में उपयोग, जल संरक्षण तकनीक का प्रदर्शन, सभी प्रकार के कचरों का प्रबन्धन एवं निपटान, स्वास्थ्य प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, स्वच्छता के प्रति जागरूकता हेतु पोस्टर प्रतियोगिता, विशेष दिवस ’’किसान दिवस’’ व प्रक्षेत्र पर प्रदर्शित तकनीेकों की साफ – सफाई, हस्ताक्षर अभियान एवं प्रशासनिक भवन की साफ- सफाई इत्यादि गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीणजनों व केन्द्र के अधिकारियों/कर्मचारियों एवं छात्र छात्राओं के साथ पूर्ण करके स्वच्छता के प्रति जागरूकता का कार्य किया गया। स्वच्छता पखवाडा कार्यक्रम में लगभग 500 कृषकों, कृषक महिला, ग्रामीण व शहरी युवा, रावे छात्रों, स्कूली छात्र व छात्रायें, केन्द्र के अधिकारियों/कर्मचारियों ने भाग लिया। स्वच्छता पखवाडा कार्यक्रम के आयोजन से ग्रामीणजनों, युवाओं, महिलाओं, स्कूली छात्र छात्राओं में स्वच्छता के प्रति जागरूकता एवं संवेदनशीलता बढी है आने वाले समय में इस कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम दृष्टिगोचर होने की पूर्ण होने की सम्भावना है। स्वच्छता गतिविधियों का नियमित अन्तराल पर आयोजन कर स्वस्थ्य समाज की अवधारणा को स्थापित किया जा सकता है। उक्त जानकारी कृषि विज्ञान केन्द्र प्रभारी संदीप टोड़वाल ने और कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र पुनः पूर्व की तरह किसने के बेहतरीन के लिए और बेहतर काम करने का प्रयास करेगा ।भारत सरकार के दिशा निर्देषानुसार सीआरडीई कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅं,जिला सीहोर अपराह्न 3ः30 बजे कृषि विज्ञान केन्द्र प्रक्षेत्र पर स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम जो कि 16 से 30 दिसम्बर, 2024 तक मनाया गया उसके अंतर्गत मंगलवार को पत्रकार वार्ता आयोजित की गयी। उक्त वार्ता में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा आयोजित की गयी विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों तथा उनका प्रस्तुतीकरण किया गया। स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न गतिविधियों जैसे- स्वच्छता के प्रति जागरूकता, स्वच्छता शपथ, साफ – सफाई, वृक्षारोपण, गृह वाटिका में जैविक अवशेषो की उपयोगिता, स्वच्छ व हरित प्रौद्योगिकी, अपशिष्ट जल का पुर्नचक्रण एवं कृषि,उद्यानिकी फसलों,गृह वाटिका में उपयोग, जल संरक्षण तकनीक का प्रदर्शन, सभी प्रकार के कचरों का प्रबन्धन एवं निपटान, स्वास्थ्य प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, स्वच्छता के प्रति जागरूकता हेतु पोस्टर प्रतियोगिता, विशेष दिवस ’’किसान दिवस’’ व प्रक्षेत्र पर प्रदर्शित तकनीेकों की साफ – सफाई, हस्ताक्षर अभियान एवं प्रशासनिक भवन की साफ- सफाई इत्यादि गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीणजनों व केन्द्र के अधिकारियों/कर्मचारियों एवं छात्र छात्राओं के साथ पूर्ण करके स्वच्छता के प्रति जागरूकता का कार्य किया गया। स्वच्छता पखवाडा कार्यक्रम में लगभग 500 कृषकों, कृषक महिला, ग्रामीण व शहरी युवा, रावे छात्रों, स्कूली छात्र व छात्रायें, केन्द्र के अधिकारियों/कर्मचारियों ने भाग लिया। स्वच्छता पखवाडा कार्यक्रम के आयोजन से ग्रामीणजनों, युवाओं, महिलाओं, स्कूली छात्र छात्राओं में स्वच्छता के प्रति जागरूकता एवं संवेदनशीलता बढी है आने वाले समय में इस कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम दृष्टिगोचर होने की पूर्ण होने की सम्भावना है। स्वच्छता गतिविधियों का नियमित अन्तराल पर आयोजन कर स्वस्थ्य समाज की अवधारणा को स्थापित किया जा सकता है। उक्त जानकारी कृषि विज्ञान केन्द्र प्रभारी संदीप टोड़वाल ने और कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र पुनः पूर्व की तरह किसने के बेहतरीन के लिए और बेहतर काम करने का प्रयास करेगा ।
इछावर में आज एक नई तकनीकी क्रांति की शुरुआत हुई है! बाइनरी वेब सॉफ़्टवेयर, एक अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी कंपनी, ने अपने कार्यालय का उद्घाटन किया। यह कंपनी स्थानीय व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए डिजिटल समाधान प्रदान करके इछावर को तकनीकी क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाने का वादा करती है।
तकनीकी नवाचार का नया केंद्र
बाइनरी वेब सॉफ़्टवेयर का उद्देश्य स्थानीय और वैश्विक स्तर पर डिजिटल समाधान प्रदान करना है। कंपनी के संस्थापक ने उद्घाटन के दौरान कहा:
“हम इछावर को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मजबूत बनाना चाहते हैं। बाइनरी वेब सॉफ़्टवेयर केवल एक कंपनी नहीं, बल्कि डिजिटल परिवर्तन का केंद्र बनेगा।”
क्या प्रदान करेगा बाइनरी वेब सॉफ़्टवेयर?
कंपनी के द्वारा निम्नलिखित सेवाएं दी जाएंगी:
वेबसाइट डिज़ाइन और डेवलपमेंट
मोबाइल एप्लिकेशन विकास
ई-कॉमर्स समाधान
डिजिटल मार्केटिंग
कस्टम सॉफ़्टवेयर डिवेलपमेंट
स्थानीय व्यवसायों के लिए एक बड़ा अवसर
इछावर जैसे छोटे शहरों में तकनीकी समाधान की मांग बढ़ रही है, और बाइनरी वेब सॉफ़्टवेयर इस मांग को पूरा करने के लिए तैयार है। स्थानीय व्यवसाय अब बड़े बजट की चिंता किए बिना किफायती और गुणवत्तापूर्ण डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
समाज को मिलने वाले लाभ
कंपनी का फोकस न केवल व्यवसायों को बढ़ावा देना है, बल्कि रोजगार के अवसर पैदा करना और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देना भी है। यह इछावर के युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर है, जो तकनीकी क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं।
जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों और व्यवसाय मालिकों ने इस पहल का स्वागत किया है। एक स्थानीय व्यापारी ने कहा:
“यह इछावर के लिए एक नई शुरुआत है। अब हमें डिजिटल समाधान के लिए बड़े शहरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।”
Sidhi Accident Update: मोहनिया टनल हादसे (Mohania Tunnel) में मौतों का आंकड़ा बढ़ गया है. अमित शाह (Amit Shah) के सतना (Satna) दौरे में सबरी महोत्वस (कोल समाज सम्मेलन) (Shabri Mahotsav Kol Samaj Sammelan) से लौट रही बसे हादसे का शिकार हुई थीं. घटना पर केंद्रीय गृहमंत्री ने घटना पर दुख जताया है. वहीं CM शिवराज ने सहायता राशि का ऐलान (CM Shivraj Give Financial Help) किया है
Sidhi Accident Update: सीधी। बीती रात सीधी मोहनिया टनल (Mohania Tunnel) में तीन बसों की भीषण टक्कर में 13 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. घटना के बाद सीएम शिवराज घायलों से मिलने रीवा के संजय गांधी मेडिकल कॉलेज पहुंचे. जहां पर घायलों को भर्ती करवाया गया था. घटना के बाद गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah Expressed Grief) ने दुख जताया है. वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आर्थिक सहायता (CM Shivraj Give Financial Help) की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री ने की आर्थिक सहायता की घोषणा सीएम ने घटना में मारे गए व्यक्तियों के परिजनों को 10 लाख और गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 2 लाख जबकि सामान्य रूप से घायल हुए लोगों को 1 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. इसके अलावा मृतकों के परिजनों को योग्यता अनुसार शासकीय सेवा में भी अवसर प्रदान किया जाएगा.
Betul News: मध्य प्रदेश के बैतूल में दर्दनाक हादसा पेश आया है. यहां बैतूल में एक एसयूवी खाली बस से टकरा गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों 3 महिला और 2 बच्चे भी बताए जा रहे हैं.
Betul Accident: मध्य प्रदेश के बैतूल में दर्दनाक हादसा पेश आया है. यहां झाल्लर के नजदीक एक बस और कार में जबरदस्त टक्कर हो गई, जिसमें 11 लोगों की मौत होने की बात कही जा रही है. मरने वालों में दो बच्चे भी बताए जा रहे हैं. इसके अलावा कुछ अलावा कुछ लोग जख्मी भी हुई हैं, जिन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसा देर रात 2 बजे पेश आया.
जानकारी के मुताबिक बैतूल जिले के झाल्लर में शुक्रवार तड़के एक एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) की, एक खाली बस से टक्कर हो जाने से उसमें सवार दो बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो गई. बैतूल पुलिस कंट्रोल रूम के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर शिवराज सिंह ठाकुर ने बताया कि हादसा जिला हेडक्वॉर्टर से करीब 36 किलोमीटर दूर भैंसदेही रोड पर हुआ. उन्होंने आगे बताया,”देर रात करीब दो बजे हुए इस हादसे में 6 पुरुष, 3 महिला और 2 बच्चे (एक पांच साल की लड़क) समेत 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई.”
पुलिस के मुताबिक मरने वाले मजदूर थे, जो पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के अमरावती से यहां अपने घर लौट रहे थे. शिवराज सिंह ठाकुर ने कहा कि हादसा इतनी खतरनाक था कि कुछ पीड़ितों की लाशों को गैस कटर की मदद से निकालना पड़ा. बाद में लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि चालक को नींद आने के बाद एसयूवी बस में जा टकराई. ठाकुर ने कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है.
Madhya Pradesh Accident: मध्य प्रदेश के राजगढ़ में बड़ा हादसा हो गया. यहां एक ट्रैक्टर-ट्रॉली शादी में शामिल होने के लिए जा रही थी, तभी वह पलट गई. हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई.
Madhya Pradesh Accident: रविवार को मध्य प्रदेश में बड़ा हादसा हो गया. मध्य प्रदेश के जिला राजगढ़ में रविवार को ट्रैक्टर पलटने से चार बच्चों समेत 13 लोगों की मौत हो गई. राजगढ़ के पिपलोदी में रविवार रात करीब 8 बजे एक शादी के जुलूस के दौरान यह हादसा हुआ. हादसे में कुल 15 लोग घायल हो गए. समाचार एजेंसी पीटीआई ने जिला प्रशासन के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि जुलूस राजस्थान के मोतीपुरा से कुलमपुर जा रहा था. हादसा राजस्थान की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के राजगढ़ में हुआ.
CM ने किया ट्वीट मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राजगढ़ कलेक्टर हर्ष दीक्षित, पुलिस अधीक्षक और मंत्री नारायण सिंह पंवार मौके पर मौजूद थे. उन्होंने कहा, “हम राजस्थान सरकार के संपर्क में हैं और राजस्थान पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है. घायलों का इलाज राजगढ़ के जिला अस्पताल में चल रहा है. कुछ गंभीर रूप से घायल मरीजों को भोपाल रेफर किया गया है.”
Madhya Pradesh Accident News: MP के हरदा में बड़ा सड़क हादसा है. एक अनियंत्रित कार पुल से टकराई जिसके बाद कार में आग लग गई. इस दुर्घटना में कार सवार जिंदा जल गया है. सड़क दुर्घटना का वीडियो सामने आया है. कार आग में जल रही है, ये आप तस्वीरों में देख सकते हैं.
मध्य प्रदेश के रायसेन में दो अलग हादसों में 4 ने गंवाई जान, दोनों एक्सीडेंट में हाई स्पीड ट्रक जिम्मेदार
मध्य प्रदेश में अलग-अलग हादसों में कई लोगों की गई जान
Madhya Pradesh Accidents: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई है. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी. जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर उदयपुरा कस्बे में शनिवार रात एक मोटरसाइकिल ट्रैक्टर-ट्रॉली से टकरा गई. उदयपुरा थाना प्रभारी यशवंत सिंह ने बताया कि पीछे से आ रहे एक ट्रक ने दोपहिया वाहन को कुचल दिया, जिससे उसमें सवार तीन लोगों की मौत हो गई.
पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान लाखन सिंह राजपूत (35), देवेश सिंह राजपूत (21) और राजा श्रीवास (21) के रूप में हुई है. एक अन्य दुर्घटना में, शनिवार रात भोपाल-देवरी रोड पर ट्रक की चपेट में आने से मोटरसाइकिल सवार चेन सिंह लोधी (23) की मौत हो गई. पुलिस ने दोनों दुर्घटनाओं में शामिल ट्रकों को जब्त कर लिया है और उनके चालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
बच्चों से भरी स्कूल बस हुई हादसे का शिकार वहीं, तीसरा हादसा मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले में शनिवार को हुआ. यहां एक स्कूल बस पलटने से पांच बच्चे मामूली रूप से घायल हो गए. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) गजेंद्र सिंह कंवर ने बताया कि यह हादसा मुंद्रा कला गांव के पास उस वक्त हुआ, जब बस एक निजी स्कूल के छात्रों को उनके घर ले जा रही थी.
उन्होंने बताया कि बस पलट गई और सड़क किनारे एक नाले में गिर गई. दुर्घटना के कारण पांच बच्चे मामूली रूप से घायल हो गए. हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बच्चों को बस से बाहर निकाला.
Madhya Pradesh Districts: 2000 में CG, MP के 16 जिलों को आपने साथ ले गया था. जिसके बाद अभी तक प्रदेश में 7 नए जिले बने हैं. मध्य प्रदेश में वर्तमान में 52 जिले हैं.
Madhya Pradesh Districts: अजब गजब राज्य मध्य प्रदेश का गठन 1956 में हुआ था और मध्य प्रदेश का नाम तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिया था.उस समय जब मध्य प्रदेश का गठन हुआ था तब मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ भी शामिल था.साल 2000 में मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग हो गया था.अगर आप एमपी से हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि वर्तमान में मध्य प्रदेश में कितने जिले हैं और इन जिलों के नाम क्या हैं? तो चलिए हम आपको मध्य प्रदेश के जिलों के बारे में कुछ खास बातें बताते हैं.
1956 में जब मध्यप्रदेश की स्थापना हुई थी तो उस समय प्रदेश में 43 जिले और 9 संभाग थे.वहीं 2000 आते-आते मध्य प्रदेश में 61 जिले 12 संभाग रह गए थे. हालांकि 31 अक्टूबर 2000 को मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने से 3 संभाग व 16 जिले छत्तीसगढ़ में चले गए थे.इसी के चलते मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के विभाजन के बाद प्रदेश में 9 संभाग और 45 जिले बच गए थे.छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद वर्तमान मध्य प्रदेश में 7 नए जिले बने हैं और इसी के चलते वर्तमान में मध्यप्रदेश के जिलों की संख्या 52 है. वहीं प्रदेश में 10 संभाग हैं.
2000 के बाद बने नए जिले 2003 बुरहानपुर, अनूपपुर, अशोकनगर 2008 अलीराजपुर सिंगरौली 2013 आगर मालवा 2018 निवाड़ी
मध्य प्रदेश के जिलों के बारे में कुछ तथ्य मध्य प्रदेश का क्षेत्रफल में सबसे छोटा जिला- दतिया मध्य प्रदेश का जिला जनसंख्या में सबसे छोटा जिला- हरदा क्षेत्र में मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जिला- छिंदवाड़ा जनसंख्या में मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जिला-इंदौर